स्वतंत्रता दिवस सम्पूर्ण देश में मनाया जाता है। यह दिवस हमारे देश को अंग्रेजों से गुलामी की बेडिया तोड़ने एवम आज़ादी प्राप्त कर लेने के उपलक्ष में मनाया जाता है। इसे 15 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन हम विभिन्न केंद्रों पर तिरंगा लहराकर उसे सलामी देकर अपने देश के प्रति अटूट प्रेम एवम सम्मान व्यक्त करते हैं।
यह प्रेम और सम्मान देश की मिट्टी को भी अर्पित किया जाता है एवम विभिन्न प्रकार के आयोजन भी कई जगहों पर किए जाते हैं। जिस देश की मिट्टी में हमने जन्म लिया उसका अन्न क्या उसका पानी पिया उसके प्रति हमें सदैव ही निष्ठावान रहना चाहिए। यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
यह सब तो साधारण बातें हैं। परंतु,सबसे ज्यादा अहम बात तो यह है कि इस बार हमारे देश ने 15 अगस्त को आज़ादी के 75 वर्ष पूर्ण कर लिए। अतः इस खुशी के अवसर पर हमने हर घर तिरंगा लहराकर अपने देश के प्रति प्रेम, सौहार्द एवं सम्मान को प्रदर्शित किया।
जैसे ही यह ख़बर भूमिका के कानों तक पहुंची की इस बार स्वतंत्रता दिवस पर सबको अपनेजेडअपने घरों की छतों पर तिरंगा लहराना है। वह बहुत खुश हुई। परंतु, अगले ही पल वो सोच में डूब गई। वह सोच रही थी कि यह बात वह अपने पिताजी को कैसे बताए कि वह भी अपने घर की छत पर शान से तिरंगा लहराना चाहती है। वह सोच ही रही थी की आईटी ए में पिताजी ने उसकी मां से तिरंगा लाकर लहराने की बात कही। जैसे ही उसने सुना, मानों इसके सपने को पर लगे गए। उसकी मन की मुराद कहने से पहले ही पूर्ण होती प्रतीत हुई।
श्याम को ही पिताजी ने तिरा गए लाकर रख दिया था।दूसरे दिन सी आह होते ही मां और पिताजी के साथ भूमिका अपने घर की छत पर जा पहुंचीं। पिताजी। ए जब तिरंगा कहां लगाया जाए वाली बात कही तो उन तुरंत कहा कि तिरंगा सबसे ऊपर वाली छत पर ही फहराया जन चाहिए। सभी उसकी बात से सहमत हो गए और घर की सबसे ऊपर वाली छत पर जा पहुंचे।
ऊपर पहुंचकर तिरंगा लहराया एवम उसके साथ ढेर सारी सेल्फीज भी ली। यह सारा आयोजन सोच सो जाकर भूमिका का मन प्रफुल्लित हो रहा था। मन में इतना हर्ष हो रहा था कि उसे वह बयान भी नहीं कर पा रही थी। हालांकि तिरंगे को लहराने में उन्हें कुछ कठिनाइयों का सामना ज़रूर करना पड़ा। जैसे कि उसके लिए उचित लकड़ी नहीं मिली। जब लकड़ी मिली तो कभी वाहबहुत ज्यादा मोती होती याबहुत ज्यादा पतली। जिसके कारण तिरंगा लगाने में एवम उसे लहराने में दिक्कत हो रही थी। परंतु,उन सबने हार नहीं मानी। तिरंगे की सिलाई उधेड़ कर उसे फिर से लकड़ी के हिसाब से सिला। अंततः तिरंगा लहराने हेतु तैयार हो गया और सभी ने मिलकर तालियां बजाईं एवम सलामी दी, अभिनंदन किया।
श्याम के समय भूमिका को प्रधानमंत्री जी की ओर से सेल्फी विद तिरंगा वाली लिंक मिली तो उसने अपनी सुबह तिरंगे के साथ खींची हुई फोटो भी अपलोड कर दी। जिसके फलस्वरूप उसे एक प्रमाण पत्र भी मिला। तो इस प्रकार भूमिका ने इस बार स्वतंत्रता दिवस को पूरे दिल से।पूरे मनोयोग से मनाया। न की सिर्फ़ भूमिका, बल्कि हमारे पूरे देशवासियों ने इस दिन को बहुत ही खुशियों के साथ मनाया।
Palak chopra
09-Nov-2022 04:01 PM
Shandar 🌸🙏
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Swati Sharma
09-Nov-2022 11:27 PM
Thank you
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Mithi . S
09-Nov-2022 10:22 AM
Behtarin rachana
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Swati Sharma
09-Nov-2022 11:04 AM
Thank you
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Gunjan Kamal
08-Nov-2022 05:39 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Swati Sharma
09-Nov-2022 12:18 AM
आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन 🙏🏻😊
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